Tuesday , 11 February 2025
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उत्तराखंड : धीराज सिंह गर्ब्याल, बहुत खास है ये IAS अधिकारी…

  • प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ 

देहरादून: IAS अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल। दो जिलों के जिलाधिकारी रहने के बाद उनको लगातार तीसरे जिले हरिद्वार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बहुत कम देखने को मिलता है कि किसी अधिकारी को लगातार तीन-तीन जिलों का डीएम बनने का मौका मिला हो। आपने बहुत सारे जिलों के डीएम देखे होंगे। बहुत ऐसे भी देखे होंगे, जो बहुत फेमस भी हैं, लेकिन अपने कामों से कम और पब्लिसिटी स्टंट्स की वजह से चर्चाओं में रहते हैं।

एक दिन पहले ही सरकार ने 24 IAS और पीसीएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया। तीन जिलों में DM बदले गए। उनमें जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। वह नाम आईएएस धीराज सिंह गर्ब्याल। उनको नैनीताल के बाद अब हरिद्वार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दरअसन, जिलाधिकारी के रूप में IAS अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को जो भी जिम्मेदारी मिली। उन्होंने उस जिले के लोगों का दिल जीत लिया। वो जितन सरल हैं। उससे कहीं ज्यादा विजनरी हैं। जिस जिले में तैनात होते हैं। वहां पहुंचने से पहले जिले की सूरत बदलने और कायापलट करने का खाका अपने दिमाग में तैयार कर लेते हैं।

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IAS धीराज सिंह गर्ब्याल मंडी परिषण के MD भी रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई शानदार काम किए। गांवों को हाट बाजार और मिनी मंडियों से जोड़ने का प्रयास किया। पहाड़ी जिलों में उनके कार्यकाल के दौरान कई जगहों पर मिनी मंडियां भी बनी। उनका कार्यकाल समाप्त होने काम आगे नहीं बढ़ पाया।

त्रिवेंद्र सरकार में उनको पौड़ी जिले के डीम की जिम्मेदारी दी गई। क्रियेटिव और इनोवेटिव सोच रखने वाले IAS धीराज सिंह गर्ब्याल ने पहचान खोते पौड़ी जिले को फिर से पर्यटन के मानचित्र पर लाने का प्लान बनाया। केवल प्लान ही नहीं बनाया। बल्कि, उसे धरातल पर भी उतारा। उसके बाद उन्होंने कंडोलिया पार्क की सूरत बी बदल डाली। केवल आधुनिक सुविधांए ही मुहैया नहीं कराई। बल्कि, पहाड़ की पहचान खोती काष्ट कला को भी फिर जीवंत करने का काम किया।

बागवानी से उनको खास लगाव है। उन्होंने पौड़ी जिले के लोगों को सेब की पौध लगाने के लिए प्रेरित किया। प्रशिक्षण भी दिलवाया। इतना ही नहीं सरकारी सेब के बगीचे भी स्थापित किए, जो वर्तमान में फल दे रहे हैं।

अपने प्रशासनिक कार्य इस तरह करते हैं कि लोगों को भटकना ना पड़े। लोगों के काम ना रुकें उसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हैं। किसी में काम में अड़चल आए तो खुद भी उस काम को कराने में जुट जाते हैं। यही वजह है कि धीराज सिंह गर्ब्याल लोगों के बीच खासे पसदी किए जाते हैं। उनकी इमानदारी उनको इस दौर में सबसे अलग और शिखर लाकर खड़ा कर देती है।

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उत्तराखंड इतिहास हमेशा से ही गौरवशाली रहा है। उत्तराखंड देवी देवताओं की आवास स्थल के साथ-साथ ऋषि-मुनियों की तपोस्थली भी रहा है। यहां की संस्कृति और पारंपरिक शैली की पहचान पूरे देश दुनिया में की जाती है। इसी को देखते हुए नैनीताल के डीएम रहते धीराज सिंह गर्ब्याल ने नैनीताल, भीमताल, भवाली, रामनगर और हल्द्वानी के बाजारों और पर्यटक स्थलों पर कुमाऊंनी और पारंपरिक शैली में संवारने का बीड़ा उठाया। रंगों और पेंटिंग के माध्यम से कुमाऊं की लोककला, लोक संस्कृति और यहां की विरासत की पहचान पूरे देश-दुनिया तक पहुंचाने का काम किया।

बच्चों को मोबाइल की दुनिया से आउटडोर की दुनिया की ओर आकर्षित करने के लिए प्रदेश में पहला ओपन स्केटिंग रिंग, प्ले स्टेशन, युवाओं के लिए ओपन जिम, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए उत्तरकाशी की कोटी बनाल शैली (पर्वतीय शैली) में बना रेस्टोरेंट समेत कई ऐसे काम किए, जो आज लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

इसके बाद उनको नैनीताल जिले की जिम्मेदारी दी गई। धीराज सिंह गर्ब्याल ने जिम्मेदारी संभालते ही नैनीताल का कायापटल करना शुरू कर दिया। उन्होंने 22 साल से बंजर पड़े रामगढ़ में ऑर्चर्ड को दोबारा से आबाद किया और वहां सेब की उन्नत खेती कर किसानों के लिए नया रास्ता खोलने का काम किया। हॉर्टीटूरिज्म का भी नया तरीका, जो पयर्टकों को आकर्षित कर रहा है। यह लोगों की आमदनी का जरिया बन रहे हैं।

सरोवर नगरी नैनीताल को उनके पुराने पहाड़ी स्वरूप में लाने के लिए भी जिलाधिकारी ने अपने कार्यकाल में बेहतर कार्य किये। पारंपरिक शैली को बढ़ाने और पर्वतीय संस्कृति और लोक कला को संवारने के लिए जिलाधिकारी शानदार काम किए।

नैनीताल से लेकर भवाली, रामनगर और हल्द्वानी तक उन्होंने शहरों को संवारने का काम किया। रामनगर में हुई जी-20 की बैठक हुई, उसके लिए पूरे रामनगर शहर को ऐसा चमका दिया कि विदेशी मेहमानों के साथ ही स्थानीय लोग भी तारीफ किए बगैर नहीं रह सके। सीएम धामी ने उनके कामों की जमकर तारीफ की।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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